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ज़िंदगी में आगे बढ़ने के लिए सफलता जरुरी हे

जब भी मिलती है सफलता, ध्यान रखें ये बातें

 हर व्यक्ति का अपना शीर्ष होता है। यानी सफलता का सफल समापन सभी के जीवन में आता है। सभी लोग शीर्ष पर नहीं पहुंचते यह भी सही है। जो भी लोग शीर्ष पर पहुंचने की तैयारी में हों या पहुंच चुके हों उन्हें एक बात ध्यान रखनी चाहिए कि अपनी एग्ज़िट का दरवाजा सावधानी से खुला रखें। लौटना सभी को है। शीर्ष यानी किसी व्यवसाय, समाज, परिवार में जब आप नंबर वन होते हैं, कामयाब होते हैं और ख्यात होते हैं। कई लोगों को गलतफहमी हो जाती कि शीर्ष सदैव बना रहेगा। वे यह भूल जाते हैं कि यहां आने के लिए कुछ और लोग भी तैयारी कर रहे हैं। मामला केवल आपकी कमजोरी का नहीं है, उम्र भी सफलता के शीर्ष पर टिकने में बाधा बन जाती है। यदि आयु हो गई है और ऊर्जा बची है तो शीर्ष का क्षेत्र बदलना होगा, क्योंकि वहां आने के लिए जवानी तूफान की तरह चल चुकी है।

बुढ़ापे को जवानी से कभी टकराना नहीं चाहिए। स्वयं आदर से हट जाएं और सम्मान से आने दें। अपनी ऊर्जा के उपयोग के लिए नए क्षेत्र खोल लें, क्योेंकि आपने एग्जि़ट का दरवाजा तैयार नहीं किया और धक्का लगा तो फिर लुढ़कना ही पड़ेगा। इस गिरने में निराशा, उदासी, आर्थिक अभाव और अवसाद यानी डिप्रेशन भी घेर सकता है। यह तो तय है जो शीर्ष पर पहुंचा होगा उसमें कुछ अनूठा होगा। मूल स्वभाव का अनूठापन कभी खत्म नहीं होता। यह हर उम्र में बना रहता है, बस क्षेत्र बदलना होगा। परिवार में दादा-दादी, नाना-नानी बनकर यह किया जा सकता है। अन्य क्षेत्रों में और कुछ सृजन किया जा सकता है, पर अपनी ऊर्जा को सदैव शीर्ष पर देखने की जिद न करें। यह जिद कब अर्धांगिनी से सौत में बदल जाए, पता नहीं लगता, इसलिए शीर्ष पर पहुंचने के इरादे कभी खत्म न करें और पहुंचने के बाद लौटने की तैयारी में लापरवाही न की जाए।