गलफ्रेंड की खूबसूरती देखकर किया प्यार, जैसे ही देखा बिना मेकअप फिर तुरंत ही कर लिया ब्रेकअप
गर्लफ्रेंड को बिना मेकअप देख BF ने किया ब्रेकअप, यूं छिपाती थी असलियत
ये था वह खूबसूरत चहेरा जिससे देखकर हर किसी को प्यार में डूबने का होता मन
कहते हैं प्यार में ऐसी ताकत होती है कि वो आपकी सारी कमियों को ढंक
लेती है। लेकिन UK की रहने वाली सोफिया रिडलीगंटन (Sophia Ridlington) ऐसे
खुशनसीब लोगों में से नहीं हैं। सोफिया अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ काफी खुश
थीं। लेकिन एक दिन कुछ ऐसा हुआ जिसकी वजह से उनका ब्रेकअप हो गया। गर्लफ्रेंड को बिना मेकअप के देख तोड़ दिया रिश्ता...
इंग्लैंड में रहने वाली 22 साल की सोफिया को एक ऐसी बिमारी है जिसकी वजह से उसकी पूरी शक्ल बर्बाद हो गई है। बीमारी के कारण सोफिया काफी बदसूरत दिखती थीं। हर दिन कई घंटे मेकअप कर वो अपनी सूरत पूरी तरह बदल लेती थी। लेकिन एक दिन उसके ब्वॉयफ्रेंड ने उसे सरप्राइज देने का फैसला किया। वो सुबह-सुबह सोफिया के घर पहुंच गया। अपने ब्वॉयफ्रेंड को यूं अचानक देख सोफिया घबरा गई। लेकिन तब तक काफी देर हो गई थी। सोफिया को बिना मेकअप देखकर उसके ब्वॉयफ्रेंड ने उससे रिश्ता तोड़ लिया। इतना ही नहीं, उसने सोफिया को काफी बुरा-भला भी कहा। दरअसल, बिमारी के कारण सोफिया का चेहरा बर्बाद हो गया था। मेकअप आर्टिस्ट सोफिया ने अपनी इस कमी को ढकने के लिए मेकअप का सहारा लिया। लेकिन जब असलियत खुली तो उसका ब्रेकअप हो गया।
क्या हुआ है सोफिया को?
इंटरनेट पर सोफिया की फोटो को देखकर कोई भी यकीन नहीं कर सकता कि देखने में ये बदसूरत हैं। लेकिन हकीकत जानकर आप हैरान हो जाएंगे। दरअसल, सोफिया रेयर डिजीज की शिकार है, जिसके कारण इनका चेहरा फटता जा रहा है और उससे खून भी निकलता है। सोफिया बताती हैं कि इनकी यह बीमारी बचपन से है, लेकिन हाल ही में उन्होंने इसे छिपाने के लिए मेकअप का सहारा लिया है। वो सोशल साइट्स पर अपने आधे चेहरे को मेकअप करके फोटो अपलोड करती हैं तो कभी पूरे मेकअप के साथ। उनका कहना है कि वो इस तरह का फोटो इसलिए अपलोड करती है ताकि लोग उनकी तकलीफ को समझ सके। इतना ही नहीं इन फोटोज से मुझे लोगों का अटेंशन भी मिलता है। सोफिय ने अब बतौर मेकअप आर्टिस्ट अपना करियर भी बना लिया है। लेकिन ब्वॉयफ्रेंड से ब्रेकअप के बाद अब वो टूट चुकी हैं।
इंटरनेट पर सोफिया की फोटो को देखकर कोई भी यकीन नहीं कर सकता कि देखने में ये बदसूरत हैं। लेकिन हकीकत जानकर आप हैरान हो जाएंगे। दरअसल, सोफिया रेयर डिजीज की शिकार है, जिसके कारण इनका चेहरा फटता जा रहा है और उससे खून भी निकलता है। सोफिया बताती हैं कि इनकी यह बीमारी बचपन से है, लेकिन हाल ही में उन्होंने इसे छिपाने के लिए मेकअप का सहारा लिया है। वो सोशल साइट्स पर अपने आधे चेहरे को मेकअप करके फोटो अपलोड करती हैं तो कभी पूरे मेकअप के साथ। उनका कहना है कि वो इस तरह का फोटो इसलिए अपलोड करती है ताकि लोग उनकी तकलीफ को समझ सके। इतना ही नहीं इन फोटोज से मुझे लोगों का अटेंशन भी मिलता है। सोफिय ने अब बतौर मेकअप आर्टिस्ट अपना करियर भी बना लिया है। लेकिन ब्वॉयफ्रेंड से ब्रेकअप के बाद अब वो टूट चुकी हैं।
लड़का हो तो कुत्तिया से और लड़की हो तो कुत्ते से करते हे शादी, जानिए फिर होता हे क्या
अपशकुन दूर करने के लिए कुत्तों से कराई शादी
दुनिया कहां से कहां जा पहुंची है, लेकिन समाज में ऐसे कई वर्ग हैं जिन्हें अंधविश्वासों ने अब तक बुरी तरह जकड़ रखा है. जमशेदपुर से सटे आदित्यपुर के आदिवासी बहुल इलाके पर भी ये बात लागू होती है. यहां माना जाता है कि अगर जन्म के बाद बच्चे को पहले ऊपर का दांत निकल आता है तो वो बड़ा अपशकुन होता है.
इस अपशुकन को दूर करने के लिए बच्चे की शादी कुत्ते से कराई जाती है. लड़का हो तो कुत्तिया से और लड़की हो तो कुत्ते से. आदित्यपुर के कुलुप टांडा में सोमवार शाम को अपशकुन दूर करने के लिए ऐसे ही मामले में 5 बच्चों की शादी कराई गई. सराईकेला जिले के आदित्यपुर में पश्चिमी सिंहभूम से लेकर पूर्वी सिंहभूम तक के बच्चों को अपशकुन दूर करने के नाम पर शादी के लिए यहां लाया जाता है.
आरती उतारने के बाद लगाते हैं हल्दी
पहले बच्चे को दूल्हे की तरह सजाया जाता है. फिर उसकी आरती उतारने के बाद हल्दी लगाई जाती है. इसके बाद ढोल नगाड़े के साथ बारात निकलती है और लोग नाचते-गाते हैं. इसके बाद साल के पेड़ के नीचे जाकर शादी की रस्में पूरी होती हैं. सिंदूर दान किया जाता है.
जिन बच्चों की शादी हो रही थी उनके अभिभावकों का कहना था कि बुरे ग्रहों को काटने के लिए ये सब किया जाता है. बचपन में इसलिए ये करा दिया जाता है कि जिससे कि बड़े होने तक अपशकुन का असर खत्म हो जाए. इनका कहना है कि बड़े होने पर भी यही प्रक्रिया फिर अपनाई जाती है जिससे कि संतान का वैवाहिक जीवन सुख के साथ बीत सके. आदिवासी समाज में अपशकुन दूर करने का ये तरीका वर्षों से चला आ रहा है. इसे वो अपनी संस्कृति का हिस्सा मानते हैं.
खंडाला घूमने निकली ये दो खूबसूरत लड़कियां, जानिए फिर क्या हुआ उनकी जुबान से
सुन, सुना, आती क्या खंडाला। क्या करू आके में खंडाला
मशहूर फिल्म अभिनेता आमिरखान की गुलाम फिल्म का ये गाना तो आप सबने सुना ही होगा। ये गाना बचपन में मेरा फेवरिट हुआ करता था और तभी मैंने सोचा था कि मैं एक बार खंडाला घूमने ज़रूर जाउंगी।
जो मेने सोचा था वह मेरे बचपन की चाहत आखिरकार अब पूरी हुई और मैंने अपनी खंडाला ट्रिप शुरू की। मैं और मेरी फ्रेंड अंजली चढ्ढा एक साथ घूमने गए थे। अब हमारे देश में क्या होता है, जब भी 2 लड़कियां एक साथ कहीं बाहर घूमने का प्लान करती हैं तो सभी ये बोलना शुरू कर देते हैं कि अरे अकेला मत जाना, साथ में कोई लड़का ज़रूर होना चाहिए तभी किसी अनजान जगह पे जाना चाहिए। दो जवान लड़कियों का अकेले घूमना ठीक नहीं। इस तरह की कई बातें ये ट्रिप प्लान करते टाइम हमने सुनी और ट्रिप के दौरान भी सुनते रहे। लेकिन इस ट्रिप में इतना मजा आया कि अब दोबारा से हमारा घूमने का प्लान बनना शुरू हो गया है।
हमने इस ट्रिप को स्टार्ट करने से पहले सारी इन्फॉर्मेशन इकठ्ठी करली जिसमे हमें पूरा एक हफ्ता लगा और हम इस ट्रिप में जमकर मस्ती करना चाहते थे, इसलिए प्लानिंग में हमने कोई कमी नहीं छोड़ी।
मशहूर फिल्म अभिनेता आमिरखान की गुलाम फिल्म का ये गाना तो आप सबने सुना ही होगा। ये गाना बचपन में मेरा फेवरिट हुआ करता था और तभी मैंने सोचा था कि मैं एक बार खंडाला घूमने ज़रूर जाउंगी।
हैदराबाद-शिरडी-पुणे-लोनावला-खंडाला ट्रावेल डायरी
जो मेने सोचा था वह मेरे बचपन की चाहत आखिरकार अब पूरी हुई और मैंने अपनी खंडाला ट्रिप शुरू की। मैं और मेरी फ्रेंड अंजली चढ्ढा एक साथ घूमने गए थे। अब हमारे देश में क्या होता है, जब भी 2 लड़कियां एक साथ कहीं बाहर घूमने का प्लान करती हैं तो सभी ये बोलना शुरू कर देते हैं कि अरे अकेला मत जाना, साथ में कोई लड़का ज़रूर होना चाहिए तभी किसी अनजान जगह पे जाना चाहिए। दो जवान लड़कियों का अकेले घूमना ठीक नहीं। इस तरह की कई बातें ये ट्रिप प्लान करते टाइम हमने सुनी और ट्रिप के दौरान भी सुनते रहे। लेकिन इस ट्रिप में इतना मजा आया कि अब दोबारा से हमारा घूमने का प्लान बनना शुरू हो गया है।
हमने इस ट्रिप को स्टार्ट करने से पहले सारी इन्फॉर्मेशन इकठ्ठी करली जिसमे हमें पूरा एक हफ्ता लगा और हम इस ट्रिप में जमकर मस्ती करना चाहते थे, इसलिए प्लानिंग में हमने कोई कमी नहीं छोड़ी।
खंडाला से नजीकी देखने लायक जगह के लिए यहाँ क्लिक करे
- हमने अपनी यात्रा हैदराबाद से शिरडी के लिए स्लीपर बस से शुरू की। ये बस इतनी आरामदायक थी और रास्ता भी अच्छा था कि हमें रास्ते का पता ही नहीं चला। आराम से सोते-सोते सफर कट गया। शिरडी में होटल की बुकिंग हमने पहले ही कर दी थी और इधर-उधर जाने के लिए हमने ऑटो करली। शिरडी की एक सबसे अच्छी बात ये है कि वहां के लोग काफी अच्छे हैं। शिरड़ी में आप फोटो खींच ना मना हे, इसलिए हम अपने फोन को कमरे में ही छोड़कर चले आए थे।
- शिरडी साईबाबा के दर्शन करके हम वहासे निकल गए अब हम पुणे पहुंचे और यहां से शुरू हुआ पुणे-लोनावला-खंडाला का सफर। खंडाला में हमने एक रिजोर्ट के लिए पहले ही 2 दिन के लिए बुकिंग की हुई थी।
पतंजलि के साथ अपना बिजनेश शुरू करो
- अब हम महाराष्ट्र गए थे और वह का फेमस वड़ा-पाव नहीं खाया तो फिर क्या किया। हम सुबह 11 बजे रिजोर्ट पहुंचे थे लेकिन हमारा कमरा अभी तैयार नहीं था। इसलिए हम अपना सामान रखकर वहां की लोकल मार्केट घूमने चले गए थे। यहां की लोकल मार्केट में एक वड़ा पाव की दुकान दिखी। हमारा भूख के मारे बुरा हाल था। हम इसी दुकान पर गए और वड़ा पाव खाया। मेरा यकीन मानिए इतना टेस्टी वड़ा पाव हमने आज तक कहीं नहीं खाया और हम अगले 2 दिन तक वहीं लगातार वहीं वड़ा पाव खाने के लिए गए। क्या वड़ा पाव था यार एक दम लाजवाब।
- हमारी कोशिश यही थी कि हम महाराष्ट्र का फैमस खाना खाए और वड़ा पाव, कच्चे आम की सूखी भेल, रगड़े वाली पानी पूरी का स्वाद मैं अभी तक नहीं भूली हूं। लोनावला की फैमस चिक्की भी ली। जो मजा टेस्टी खाने में है, वो कहीं और कहां।
- ट्रैकिंग-पैराग्लाइडिंग-राफ्टिंग-बॉटिंग ये कुछ ऐसी चीजें थी, जो हमने अपने इस ट्रिप के दौरान करने का प्लान किया था। लेकिन हम अकेली 2 लड़कियां ही होने की वजह से सबने हमें ये सब करने से मना किया था। सभी हमारी इस बात से हैरान थे कि 2 लड़कियां अकेली ट्रिप प्लान करके यहां आयी हैं।
- राफ्टिंग और बॉटिंग के लिए हमने सोच लिया था कि पवना धाम जाएंगे। इस धाम तक पहुंचने के लिए हम कामशेत से होते हुए गूगल मैप्स की मदद से पहुंच गए। इस धाम के पास एक लोहादाद बोट क्लब और रेस्टोरेंट है, जहां आप कुछ भी खा सकते हैं और साथ में लेक के नज़ारे भी ले सकते हैं। और इसी तरह हमारा एक दिन निकल गया और पवन धाम में सनसेट के खूबसूरत नज़ारा देखने के बाद हम अपने रिजोर्ट पहुंचे। अगले दिन सुबह हम पैराग्लाइडिंग के लिए कामशेत की ओर निकले। ये सबसे ज़्यादा रोमांचक एक्सपीरियंस था। पहली बार पैराग्लाइडिंग एक्सपीरियंस कोई नहीं भूल सकता। एक आज़ाद पंछी जैसा अहसास होता है।
- इसके बाद हमने अपने रिजोर्ट की तरफ सनसेट का आनंद लिया। और फिर हम वापिस अपने घर की ओर चल दिए। इतनी बिज़ी लाइफ में इस तरह के ट्रिप आपको रिफ्रेश कर देते हैं। वरना रोज़ाना वही काम कर-करके बोर हो जाते हैं। घूमने-फिरने के बाद काम करने में भी मजा आता है।
ये शख्स एक महीने तक पीता रहा ऊंटनी का दूध, उसके बाद जो हुआ वो था 'गजब'
राजस्थान के टोंक गांव में रहने वाले हनुमान बलि पिछले तीन साल से मधुमेह से पीड़ित थे। हजारों रुपये उनके इलाज में खर्ज हो गए थे जिसका आंकड़ा लाखों तक पहुंचने वाला था। तभी उनके दोस्त ने उन्हें ऊंटनी का दूध ट्राय करने बोला। हनुमान बलि ने सोचा जब इतने पैसे और इतनी दवाईयां ट्राय कर ही चुके हैं तो ये उपाय भी अपना ही लेता हूं।
ये सोचकर हनुमान बलि ने ऊंटनी का दूध पीना शुरू किया। अभी उसे ऊंटनी का दूध पीते हुए एक महीने ही हुए थे कि उनका शुगर कंट्रोल हो गया और एक महीने बाद ही उनकी डायबीटिज पूरी तरह से ठीक हो गई। आज हनुमान बलि की डायबीटिज और मोटापा पूरी तरह से कंट्रोल में है और वो पहले की तरह हर चीज खा-पी रहे हैं और मेहनत कर रहे हैं। जबकि डायबीटिज और दवाई लेने के दौरान उसे कई चीजों से परहेज करनी पड़ती थी और वो ज्यादा शारीरिक क्रियाएं भी नहीं कर पाता था। आज वो पूरी तरह से तंदुरुस्त है और पहले से अधिक मेहनत करता है।
ऊंटनी का दूध मधुमेह जैसी जटिल बीमारी ठीक करने के अलावा अन्य कई सारी बीमारियां भी ठीक कर देता है। इसका दूध लगातार एक से दो महीने तक पीने से शरीर की कई सारी बीमारियां ठीक हो जाती हैं। आइए इस लेख में जानें ऊंटनी के दूध के फायदे और उनसे दूर होने वाली बीमारी।
मानसिक बीमारी दूर करने के लिए ऊंटनी का दूध रामबाण इलाज है। बीकानेर के राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केंद्र ने हाल ही में एक स्टडी कराई जिसमें इस बात की पुष्टि की गई कि ऊंटनी का दूध मंद बुद्धि बच्चों के लिए अमृत के समान होता है। जिस कारण ऑटिज्म जैसी बीमारियां और मानसिक विकार ठीक हो जाते हैं। इस कारण राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केंद्र ने ऊंटनी के दूध से बने कई तरह के उत्पाद भी बाजार में उतार दिए हैं और लोगों तक इसका फायदा पहुंचाने के लिए किसानों को मोटिवेट भी कर रहा है।
इस स्टडी में पंजाब के फरीदकोट में स्पेशल चिल्ड्रन के एक केंद्र में तीन महीने तक लगातार लगभग 10 को रोजाना सुबह-शाम 300 एमएल ऊंटनी का दूध पिलाया गया। इन बच्चों में बीमारी ठीक होने में दूसरे मंदबुद्धि बच्चों की तुलना में ज्यादा ग्रोथ पाई गई।
इस स्टडी में पंजाब के फरीदकोट में स्पेशल चिल्ड्रन के एक केंद्र में तीन महीने तक लगातार लगभग 10 को रोजाना सुबह-शाम 300 एमएल ऊंटनी का दूध पिलाया गया। इन बच्चों में बीमारी ठीक होने में दूसरे मंदबुद्धि बच्चों की तुलना में ज्यादा ग्रोथ पाई गई।
ऊंटनी के दूध के फायदों को देखते हुए इसकी मांग यूरोप के बाज़ारों में काफी बढ़ गई है जिसके कारण ये बाजार में सुपर फूड का रुप ले चुका है। दरअसल गाय की दूध की तुलना में ऊंटनी के दूध में विटामिन बी और सी दस प्रतिशत ज्यादा होता है। ऊंटनी के दूध पर हुई अन्य शोध में भी इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि यह दूध डायबीटिज़ औऱ दिल की बीमारी के लिए बहुत हद तक प्रभावी होता है। खुद संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन चाहता है कि पश्चिमी देशों में मौरीतानिया से लेकर कज़ाकिस्तान के लोग ऊंटनी का दूध बेचना शुरु करें।
बीमारियों के अलवा ऊंटनी का दूध त्वचा निखारने का भी काम करता है। इस दूध में अल्फा हाइड्रोक्सिल अम्ल पाया जाता है। जो कि का काम करता है। इसीलिए इसका इस्तेमाल सौंदर्य संबंधी पोडक्ट बनाने में भी किया जाता है।
Subscribe to:
Comments (Atom)
























