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खंडाला घूमने निकली ये दो खूबसूरत लड़कियां, जानिए फिर क्या हुआ उनकी जुबान से

सुन, सुना, आती क्या खंडाला। क्या करू आके में खंडाला


मशहूर फिल्म अभिनेता आमिरखान की गुलाम फिल्म का ये गाना तो आप सबने सुना ही होगा। ये गाना बचपन में मेरा फेवरिट हुआ करता था और तभी मैंने सोचा था कि मैं एक बार खंडाला घूमने ज़रूर जाउंगी।

हैदराबाद-शिरडी-पुणे-लोनावला-खंडाला ट्रावेल डायरी


जो मेने सोचा था वह मेरे बचपन की चाहत आखिरकार अब पूरी हुई और मैंने अपनी खंडाला ट्रिप शुरू की। मैं और मेरी फ्रेंड अंजली चढ्ढा एक साथ घूमने गए थे। अब हमारे देश में क्या होता है, जब भी 2 लड़कियां एक साथ कहीं बाहर घूमने का प्लान करती हैं तो सभी ये बोलना शुरू कर देते हैं कि अरे अकेला मत जाना, साथ में कोई लड़का ज़रूर होना चाहिए तभी किसी अनजान जगह पे जाना चाहिए। दो जवान लड़कियों का अकेले घूमना ठीक नहीं। इस तरह की कई बातें ये ट्रिप प्लान करते टाइम हमने सुनी और ट्रिप के दौरान भी सुनते रहे। लेकिन इस ट्रिप में इतना मजा आया कि अब दोबारा से हमारा घूमने का प्लान बनना शुरू हो गया है।

हमने इस ट्रिप को स्टार्ट करने से पहले सारी इन्फॉर्मेशन इकठ्ठी करली जिसमे हमें पूरा एक हफ्ता लगा और हम इस ट्रिप में जमकर मस्ती करना चाहते थे, इसलिए प्लानिंग में हमने कोई कमी नहीं छोड़ी।


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  • हमने अपनी यात्रा हैदराबाद से शिरडी के लिए स्लीपर बस से शुरू की। ये बस इतनी आरामदायक थी और रास्ता भी अच्छा था कि हमें रास्ते का पता ही नहीं चला। आराम से सोते-सोते सफर कट गया। शिरडी में होटल की बुकिंग हमने पहले ही कर दी थी और इधर-उधर जाने के लिए हमने ऑटो करली। शिरडी की एक सबसे अच्छी बात ये है कि वहां के लोग काफी अच्छे हैं। शिरड़ी में आप फोटो खींच ना मना हे, इसलिए हम अपने फोन को कमरे में ही छोड़कर चले आए थे।

  • शिरडी साईबाबा के दर्शन करके हम वहासे निकल गए अब हम पुणे पहुंचे और यहां से शुरू हुआ पुणे-लोनावला-खंडाला का सफर। खंडाला में हमने एक रिजोर्ट के लिए पहले ही 2 दिन के लिए बुकिंग की हुई थी।

पतंजलि के साथ अपना बिजनेश शुरू करो

  • अब हम महाराष्ट्र गए थे और वह का फेमस वड़ा-पाव नहीं खाया तो फिर क्या किया। हम सुबह 11 बजे रिजोर्ट पहुंचे थे लेकिन हमारा कमरा अभी तैयार नहीं था। इसलिए हम अपना सामान रखकर वहां की लोकल मार्केट घूमने चले गए थे। यहां की लोकल मार्केट में एक वड़ा पाव की दुकान दिखी। हमारा भूख के मारे बुरा हाल था। हम इसी दुकान पर गए और वड़ा पाव खाया। मेरा यकीन मानिए इतना टेस्टी वड़ा पाव हमने आज तक कहीं नहीं खाया और हम अगले 2 दिन तक वहीं लगातार वहीं वड़ा पाव खाने के लिए गए। क्या वड़ा पाव था यार एक दम लाजवाब।
  • हमारी कोशिश यही थी कि हम महाराष्ट्र का फैमस खाना खाए और वड़ा पाव, कच्चे आम की सूखी भेल, रगड़े वाली पानी पूरी का स्वाद मैं अभी तक नहीं भूली हूं। लोनावला की फैमस चिक्की भी ली। जो मजा टेस्टी खाने में है, वो कहीं और कहां।
  • ट्रैकिंग-पैराग्लाइडिंग-राफ्टिंग-बॉटिंग ये कुछ ऐसी चीजें थी, जो हमने अपने इस ट्रिप के दौरान करने का प्लान किया था। लेकिन हम अकेली 2 लड़कियां ही होने की वजह से सबने हमें ये सब करने से मना किया था। सभी हमारी इस बात से हैरान थे कि 2 लड़कियां अकेली ट्रिप प्लान करके यहां आयी हैं।
  • राफ्टिंग और बॉटिंग के लिए हमने सोच लिया था कि पवना धाम जाएंगे। इस धाम तक पहुंचने के लिए हम कामशेत से होते हुए गूगल मैप्स की मदद से पहुंच गए। इस धाम के पास एक लोहादाद बोट क्लब और रेस्टोरेंट है, जहां आप कुछ भी खा सकते हैं और साथ में लेक के नज़ारे भी ले सकते हैं। और इसी तरह हमारा एक दिन निकल गया और पवन धाम में सनसेट के खूबसूरत नज़ारा देखने के बाद हम अपने रिजोर्ट पहुंचे। अगले दिन सुबह हम पैराग्लाइडिंग के लिए कामशेत की ओर निकले। ये सबसे ज़्यादा रोमांचक एक्सपीरियंस था। पहली बार पैराग्लाइडिंग एक्सपीरियंस कोई नहीं भूल सकता। एक आज़ाद पंछी जैसा अहसास होता है।


  • इसके बाद हमने अपने रिजोर्ट की तरफ सनसेट का आनंद लिया।  और फिर हम वापिस अपने घर की ओर चल दिए। इतनी बिज़ी लाइफ में इस तरह के ट्रिप आपको रिफ्रेश कर देते हैं। वरना रोज़ाना वही काम कर-करके बोर हो जाते हैं। घूमने-फिरने के बाद काम करने में भी मजा आता है।